सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

आय में वृर्दि के लिये प्रयोग

हमारे शास्त्रो में लक्ष्मी को प्रसन्न करने के अनेक उपायो का उल्लेख मिलता हैं और हमारे पूर्वजो ने इनका प्रयोग करके लाभ उठाया हैं यह प्रयोग मैं अपने शिष्यों को पिछलें २० वर्षो से करा रहा हूं लाभ हुआ इच्छा हुई कि आप सभी तक यह प्रयोग पहुचें। जब आप अपने कार्यालय या व्यापार स्थल पर जा कर बैठते हैं उस समय सर्व प्रथम देहली को प्रणम करे और बैठने के स्थान पर बैठ कर ईश्वर का ध्यान करते हुऐ यह चौपाई पढे।
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपति नाना विध पावहिं।।
मुझे विश्वास हैं कि भगवान आपकी मनोकामना को अवश्य पूर्ण करेगे।

7 टिप्‍पणियां:

  1. Adarneeya Pandit Ji,
    aapka blog dekha ,prasannata hui.
    meri janm tithi 27011961 time 8.15 haldwani up hai.kripaya bhavishya ki sambhavnaon ke baare mey batayen aur upaya bhi .aabhari rahoonga .
    hum sabhi ka kalyan karte rahiye ,
    sadar,
    dr.bhoopendra

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  2. हार्दिक शुभ कामनाएं !
    --
    मुझे आपके इस सुन्‍दर से ब्‍लाग को देखने का अवसर मिला, नाम के अनुरूप बहुत ही खूबसूरती के साथ आपने इन्‍हें प्रस्‍तुत किया आभार् !!
    पुनः आऊंगा !

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  3. क्या में आप से मेल पर बात कर सकता हु.
    मेरा e-mail id हे rmaheshwari488@gmail.com

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  4. क्यो नही आप बात करे कोइ मनाही नही है

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  5. पर यह मंत्र काम कैसे करता है ?

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  6. मंत्र के काम करने के विषय में ज्ञात करा है ये सब काम हमारे कर्म - विश्वास - श्रद्धा पर तैय होता है और तैय करते है जिसे हम भगवान ‍कहते हैं या मानते है।

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