ज्वाला मुखी योग 20 मार्च 2010 को20 मार्च 2010 दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से पंचमी तिथि व भरणी नक्षत्र का सयोंग बन रहा है और इस संयोग से ज्वालामुखी योग का निर्माण होता है
मित्रों,
ग्रहो,
नक्षत्रों के खेल निराले हैं इनका विचार अवश्य करना चाहिए और जो व्यक्ति शुभ अशुभ का विचार करता है उसका समय साथ देता है जिसका उल्लेख हम यहां कर रहे हैं। जहां एक और 16
मार्च 2010
से नवरात्रि व्रत प्रारम्भ हो रहे हैं अनेक व्यक्ति अपने रूके हुए शुभ कार्यो को इस समय में करते हैं परन्तु 20
मार्च 2010
दिन शनिवार को दोपहर 12
बजकर 46
मिनट से पंचमी तिथि व भरणी नक्षत्र का सयोंग बन रहा है और इस संयोग से ज्वालामुखी योग का निर्माण होता है इस योग में किया गया प्रत्येक कार्य दुख दायक होता है,
कहा गया है जो जन्में सो जीवे नहीं,
बसे जो उजड जाय नारी पहने चूडला वह निशिचत विधवा हो जाये,
गांव गया आवें नहीं कुंआ नीर न होय। इस कारण हमारी सलाह है कि किसी भी प्रकार का शुभ कार्य 20 व 21 मार्च 2010 को न करें यदि सम्भव हो तो सम्भोग भी न करें क्योंकि इस योग में यदि संतान उत्पत्ति का बीजारोपण किया जाता है तो भविष्य में उसके परिणाम समाज व परिवार के लिये लाभदायक नहीं रहते हैं।
अशुभ ज्वालामुखी योग
23 अप्रैल को प्रात: 8.35 से दोपहर 1.51 तक
अशुभ ज्वालामुखी योग
26 जून को सायं 5.01 से रात्रि 9.57 तक
अशुभ ज्वालामुखी योग
1 सितम्बर को प्रात: 10.50 से दोपहर 1.18 तक
2 सितम्बर को प्रात: 10.42 से दोपहर 1.46 तक
अशुभ ज्वालामुखी योग
6 दिसम्बर को सायं 5.54 से रात्रि 10.19 तक
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