शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

1 अगस्त 2010

1 अगस्त: तिलक स्मृति दिवस, रविव्रत (दिग.जैन)
2 अगस्त: सोमवार व्रत, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), शीतला सप्तमी, कांवड धारण मुहू‌र्त्त,
3 अगस्त: कालाष्टमी व्रत, केर पूजा (त्रिपुरा), मैथलीशरण गुप्त जयंती
4 अगस्त: दशाफल व्रत
5 अगस्त: रोहिणी व्रत (दिग.जैन), कांवड धारण मुहू‌र्त्त
6 अगस्त: कामिका (कामदा) एकादशी व्रत, कांवड धारण मुहू‌र्त्त
7 अगस्त: शनि-प्रदोष व्रत, (पुत्र-प्राप्ति हेतु)
8 अगस्त: मासिक शिवरात्रि व्रत, रविव्रत (दिग.जैन)
9 अगस्त: सावन-सोमवार व्रत, श्राद्ध की अमावस, सोमवती अमावस, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन)
10 अगस्त: स्नान-दान की हरियाली अमावस्या, स्वामी अखण्डानंद जयंती
11 अगस्त: नवीन चन्द्र-दर्शन, सिंधारा दूज, स्वामी करपात्री जयंती
12 अगस्त: हरियाली तीज, मधुस्त्रवा तृतीया व्रत, स्वर्णगौरी व्रत, श्रीबांकेबिहारी स्वर्ण हिण्डोले में (वृंदावन), मणिपर्वत झूला (अयोध्या), ठकुराइन जयंती, रमजान- रोजा शुरू
13 अगस्त: वरदविनायक चतुर्थी व्रत, वीर दुर्गादास राठौर जयंती, दूर्वागणपति चतुर्थी, महालक्ष्मी-पूजा, श्रमण तप प्रारंभ (जैन)
14 अगस्त: नागपंचमी, तक्षक-पूजन, गुडिया पर्व, श्रीहनुमद्ध्वजारोहण, श्रीनागचन्द्रेश्वर-दर्शन (उज्जयिनी), कल्कि अवतार षष्ठी (सायंकालीन)
15 अगस्त: रांधण छठ (गुजरात), सूर्य-पूजन, योगी अरविन्द जयंती, स्वतंत्रता दिवस, रविव्रत (दिग.जैन)
16 अगस्त: सावन-सोमवार व्रत, शीतला सप्तमी (मिथिलांचल), नढी थधिडी (सिन्धी), गोस्वामी तुलसीदास जयंती, सिंह-संक्रान्ति शेष रात्रि 5.34 बजे, पुण्यकाल आगामी दिन, मोक्ष-मुकुट सप्तमी (दिग.जैन), श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), अवंतीबाई जयंती (लोधी)
17 अगस्त: सिंह-संक्रान्ति का पुण्यकाल सूर्योदय से मध्याह्न 11.58 तक, श्रीदुर्गाष्टमी व्रत, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, मेला नयनादेवी-चिन्तपूर्णी-चामुण्डा देवी (हिमाचल), दूर्वाष्टमी व्रत, मनसा पूजा समाप्त (बंगाल), सिंहादि
18 अगस्त: नकुल नवमी, श्रीरामकृष्ण परमहंस स्मृति दिवस
19 अगस्त: अक्षय-कलश दशमी (जैन)
20 अगस्त: पुत्रदा एकादशी व्रत, पवित्रा ग्यारस, झूलनयात्रा प्रारंभ (गौडीय वैष्णव), वरदलक्ष्मी व्रत, लालजी चालीहो (सिन्धी), सद्भावना दिवस
21 अगस्त: पवित्रा द्वादशी (पवित्रा बारस), श्रीधर द्वादशी, श्यामबाबा द्वादशी, शनि-प्रदोष व्रत (पुत्र-प्राप्ति हेतु), श्रावण द्वादशी (जम्मू-कश्मीर), लालजी एकतालीहो (सिन्धी)
22 अगस्त: सूर्य-महापूजा, शिवपवित्रारोपण, रविव्रत (दिग.जैन)
23 अगस्त: सावन-सोमवार व्रत, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), सूर्य सायन कन्या में प्रात: 10.57 बजे, सौर शरद् ऋतु प्रारंभ, ओणम् (केरल), ऋग्वेदी उपाकर्म.
24 अगस्त: स्नान-दान-व्रत की श्रावणी पूर्णिमा, रक्षाबंधन, राखी प्रात: 9.20 के बाद बांधना शुभ, शुक्ल-कृष्ण यजुर्वेदी तथा अथर्ववेदी श्रावणी उपाकर्म, सत्यनारायण पूजा-कथा, हयग्रीवावतार जयंती, नारयली पूर्णिमा, लव-कुश जयंती, झूलनयात्रा पूर्ण, संस्कृत दिवस, गायत्री जयंती, श्रीदाऊजी एवं रेवती माता का श्रृंगार (ब्रज), बलभद्र पूजन (उडीसा), अवनी अवंती (दक्षिण भारत), सलोनो, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन).
25 अगस्त: भाद्रपद मास में दही त्यागें किन्तु मट्टा पी सकते हैं, गायत्री पुरश्चरण प्रारंभ, कजलियां (मध्यप्रदेश), षोडशकारण व्रत प्रारंभ (दिग.जैन)
26 अगस्त: अशून्य शयन व्रत, विंध्याचली-भीमचण्डी जयंती, कज्जली का रतजगा, बृहस्पति-महापूजा, बृहस्पतेश्वर-दर्शन (काशी, उज्जैन)
27 अगस्त: कज्जली (कजरी) तीज, तीजडी (सिन्धी), सातूडी तीज, विशालाक्षी दर्शन-यात्रा (काशी), गोपूजा तृतीया, मदर टेरेसा जयंती
28 अगस्त: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, विनायक चतुर्थी व्रत, बहुला चतुर्थी, व्यतिपात महापात प्रात: 7.38 से मध्याह्न 12.25 तक
29 अगस्त: रक्षापंचमी, भाई-बहिना टीका प्रात: 7.33 के बाद (खत्री), श्रीमाधवदेव तिथि (असम), गोगा पंचमी, श्रमण तप पूर्ण (जैन), अक्षयनिधि तप प्रारंभ (श्वेत.जैन),
30 अगस्त: रक्षापंचमी (मतान्तर से), कोकिला पंचमी (जैन), चन्द्रषष्ठी (चाना छठ) व्रत, हलषष्ठी (ललही छठ), श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), पक्षधर (श्वेत.जैन)
31 अगस्त: बलदेव षष्ठी, श्रीबलराम जयंती महोत्सव (ब्रज), रांधण छठ (गुजरात), शीतला व्रत

1 सितंबर 2010

1 सितंबर: शीतला सप्तमी, ठंडरी का पूजन और बसौडा, वदी थधिडी (सिन्धी), कालाष्टमी व्रत, श्रीकृष्णावतार जयंती व्रत (स्मार्तो की जन्माष्टमी), आद्या काली जयंती, संत ज्ञानेश्वर जयंती, मोहरात्रि, शहादत-ए-हजरत अली (मुस.), गुरु ग्रन्थसाहिब प्रथम प्रकाश उत्सव (नानकशाही कैलेण्डर)
2 सितंबर: श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी व्रत (वैष्णवों का), श्रीकृष्ण-जन्मोत्सव (ब्रज), गोकुलाष्टमी, गोविंदा-मटकीफोड (महाराष्ट्र)
3 सितंबर: नन्दोत्सव-दधि कांदौं (ब्रज), गोगा नवमी
4 सितंबर: अजा (जया) एकादशी व्रत (स्मार्तो का), जैन पर्युषण पर्व प्रारंभ (चतुर्थी पक्ष), अक्षयनिधि व्रत (जैन)
5 सितंबर: अजा एकादशी व्रत (वैष्णव का), जैन पर्युषण पर्व प्रारंभ (पंचमी पक्ष), शिक्षक दिवस, मदर टेरेसा स्मृति दिवस, बछ बारस (गौ-बछडा)
6 सितंबर: सोम-प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि व्रत, कलियुगादि तिथि, श्रीमहाकाल की शाही सवारी (उज्जयिनी), कैलास यात्रा 2 दिन
7 सितंबर: अघोर चतुर्दशी, पूर्व रात्रि में शब-ए-कद्र (मुस.), अहिल्याबाई स्मृति दिवस, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन)
8 सितंबर: स्नान-दान-श्राद्ध की अमावस्या, कुशोत्पाटनी (कुशग्रहणी) अमावस, पिठौरी अमावस, सती-पूजा (मारवाड), लोहार्गल-यात्रा, वृषभोत्सव (पोला), गोटमार मेला (म.प्र.), विश्व साक्षरता दिवस
9 सितंबर: नक्त व्रत पूर्ण, चन्द्र-दर्शन की आंशिक संभावना, मौनव्रत प्रारंभ, रुद्र व्रत, वैधृति महापात दिन 3.11 से सायं 7.09 तक, मेघमाला व्रत प्रारंभ (जैन), महावीर जन्म वांचन (श्वेत. जैन)
10 सितंबर: नवीन चन्द्र-दर्शन, ईद का चांद, बाबा रामदेवपीर जयंती 625 वीं, सामवेदी श्रावणी, हरितालिका तीज एवं वाराहावतार जयंती (आधुनिक दृश्यगणितानुसार), त्रिलोक तीज (दिग.जैन), तेलाघर (श्वेत. जैन)
11 सितंबर: हरितालिका तीज एवं वाराहावतार जयंती (प्राचीन सूर्य सिद्धान्तानुसार), सिद्धिविनायक चतुर्थी व्रत, श्रीगणेशोत्सव प्रारंभ, आज चन्द्र-दर्शन निषिद्ध है, पत्थर चौथ, चौठ चन्द्र (मिथिलांचल), सौभाग्य चतुर्थी (बंगाल), पर्युषण पर्व पूर्ण-जैन संवत्सरी (चतुर्थी पक्ष), ईद-उल-फितर
12 सितंबर: ऋषि पंचमी-मध्याह्न में सप्तर्षि पूजन, गर्ग एवं अंगिरा ऋषि जयंती, आकाश पंचमी (जैन), पर्युषण पर्व पूर्ण-जैन संवत्सरी (पंचमी पक्ष), 12 से 16 सितम्बर पुष्पांजलि व्रत तथा 12 से 22 सितंबर दशलक्षण व्रत (दिग.जैन), मूल सूत्र वांचन (श्वेत.जैन)
13 सितंबर: बलदेव छठ (ब्रज), श्रीबलराम जयंती महोत्सव, सूर्यषष्ठी व्रत, लोलार्क षष्ठी (काशी), स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, चंदन षष्ठी (जैन)
14 सितंबर: मुक्ताभरण सप्तमी व्रत, संतान सप्तमी व्रत, ललिता सप्तमी (बंगाल, उडीसा), निर्दोष-शील सप्तमी (दिग.जैन), अवधूत भगवान राम जयंती (काशी), राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस, अनुराधा में ज्येष्ठागौरी का आवाहन
15 सितंबर: श्रीदुर्गाष्टमी व्रत, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, श्रीराधाष्टमी व्रतोत्सव, राधारानी-जन्मोत्सव (बरसाना), स्वामी हरिदास जयंती (वृन्दावन), 16 दिन का महालक्ष्मी व्रत एवं लक्ष्मीकुण्ड-स्नान प्रारंभ (काशी), ज्येष्ठा में ज्येष्ठागौरी का पूजन, नि:शल्य अष्टमी (दिग.जैन), दुबडी आठें (श्वेत.जैन)
16 सितंबर: नन्दा नवमी, अदुख नवमी, श्रीचन्द्र जयंती, तल नवमी (बंगाल, उडीसा), श्रीमद्भागवत जयंती, कन्या-संक्रान्ति शेष रात्रि 5.29 बजे, पुण्यकाल आगामी दिन, मूल में ज्येष्ठागौरी का विसर्जन
17 सितंबर: विश्वकर्मा-पूजन, कन्या-संक्रान्ति का पुण्यकाल मध्याह्न 11.53 बजे, संकल्प में प्रयोजनीय शरद् ऋतु प्रारंभ, दशावतार दशमी व्रत, तेजा दशमी, मेला रामदेव जी, सुगंध-धूप दशमी (दिग.जैन), अनन्त व्रत प्रारंभ (दिग.जैन)
18 सितंबर: पद्मा एकादशी, जलझूलनी एकादशी, धर्मा-कर्मा एकादशी, डोल ग्यारस
19 सितंबर: पद्मा एकादशी व्रत (निम्बार्क वैष्णव), श्रवण-द्वादशी व्रत, वामनावतार जयंती, महारविवार व्रत, इन्द्रपूजा प्रारंभ (मिथिलांचल), भुवनेश्वरी महाविद्या जयंती
20 सितंबर: श्यामबाबा द्वादशी, सोम-प्रदोष व्रत
21 सितंबर: गोत्रिरात्र प्रारंभ, वितस्ता त्रयोदशी, मटकीफोड लीला (बरसाना), रत्नत्रय व्रत 3 दिन
22 सितंबर: अनन्तचतुर्दशी, पूर्णिमा व्रत, श्रीसत्यनारायण पूजा-कथा, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन), व्यतिपात महापात दिन 12.20 से सायं 5.41 तक
23 सितंबर: स्नान-दान की पूर्णिमा, उमा-महेश्वर व्रत, लोकपाल-पूजन, महालया प्रारंभ, पूर्णिमा का श्राद्ध, सन्यासियों का चातुर्मास पूर्ण, सूर्य सायन तुला में प्रात: 8.40 बजे, शरद् सम्पात्, सूर्य दक्षिण गोल में, महाविषुव दिवस, षोडशकारण व्रत पूर्ण एवं क्षमावाणी (दिग.जैन)
24 सितंबर: आश्विन में दूध त्यागें, पितृपक्ष प्रारंभ, प्रतिपदा (1) का श्राद्ध

1 अक्टूबर 2010

1 अक्टूबर: अष्टमी (8) का श्राद्ध, कालाष्टमी, गया-मध्याष्टमी, जीवित्पुत्रिका व्रत (जीउतिया), अष्टका श्राद्ध, रक्तदान दिवस।
2 अक्टूबर: नवमी (9) का श्राद्ध, मातृनवमी-सुहागिनों का श्राद्ध, महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री जयंती, अहिंसा दिवस।
3 अक्टूबर: दशमी (10) का श्राद्ध।
4 अक्टूबर: एकादशी (11) का श्राद्ध, दिन 2.09 बजे के बाद द्वादशी (12) का श्राद्ध, वैष्णव-संन्यासी का श्राद्ध, इंदिरा एकादशी व्रत।
5 अक्टूबर: रेंटिया बारस, त्रयोदशी (13) का श्राद्ध, मघा-श्राद्ध, भौम-प्रदोष व्रत (ऋणमोचन हेतु), गजच्छाया योग प्रात: 10.57 से दिन 1.18 तक, वैधृति महापात दिन में 11.26 से 3.27 तक।
6 अक्टूबर: चतुर्दशी (14) का श्राद्ध, दुर्मरण श्राद्ध- शस्त्र, विष, अग्नि, जल, दुर्घटना से मृत का श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि व्रत।
7 अक्टूबर: स्नान-दान-श्राद्ध की अमावस्या, पितृविसर्जनी अमावस, पूर्णिमा, चतुर्दशी, अमावस्या सहित सब तिथियों का श्राद्ध, अज्ञात मरणतिथिवालों का श्राद्ध, महालया समाप्त, मेला-गयाजी, पिण्डारा, पिहोवा, कुरुक्षेत्र एवं गढगंगा, गजच्छाया योग प्रात: 7.43 से सूर्यास्त तक, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन)।
8 अक्टूबर: शारदीय नवरात्र प्रारंभ, कलश (घट) स्थापना मध्याह्नकालीन अभिजित् मुहू‌र्त्त में शुभ, नाती द्वारा नाना-नानी का श्राद्ध, महाराज अग्रसेन जयंती, वायुसेना दिवस, अवतार मेहेरबाबा जयंती, भगवती दोल पर आई।
9 अक्टूबर: नवीन चन्द्र-दर्शन, रेमन्त-पूजन (मिथिलांचल), श्रीगुरु रामदास जयंती, कांशीराम जयंती।
10 अक्टूबर: सिन्दूर तृतीया।
11 अक्टूबर: वरदविनायक चतुर्थी व्रत, रथोत्सव चतुर्थी, माना चतुर्थी (बंगाल, उडीसा), जयप्रकाश नारायण जयंती।
12 अक्टूबर: उपांग ललिता पंचमी व्रत, महालक्ष्मी-पूजन, डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति दिवस, स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, दक्षिणामुखी संकटमोचन श्रीहनुमान दर्शन-पूजन।
13 अक्टूबर: शारदीय दुर्गापूजा की बिल्वाभिमंत्रण षष्ठी, तपषष्ठी (उडीसा), गजगौरी व्रत, मूल में सरस्वती (देवी) का आवाहन।
14 अक्टूबर: बंगाली दुर्गापूजा प्रारंभ, श्रीदुर्गा-महासप्तमी व्रत, पत्रिका-प्रवेश, महानिशा-पूजा, पूर्वाषाढ में सरस्वती (देवी) का पूजन, भद्रकाली पूजा।
15 अक्टूबर: श्रीदुर्गा-महाष्टमी व्रत, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत एवं परिक्रमा (काशी), उत्तराषाढ में सरस्वती (देवी) के निमित्त बलिदान, नवपद ओली प्रारंभ (श्वेत.जैन)।
16 अक्टूबर: श्रीदुर्गा-महानवमी व्रत, त्रिशूलनी पूजा (मिथिलांचल), एकवीरा पूजा, श्रवण में सरस्वती (देवी) का विसर्जन, नवमी का हवन सायं 5.59 से पूर्व करें, सांईबाबा महोत्सव प्रारंभ (शिरडी), विश्व खाद्य दिवस।
17 अक्टूबर: विजयादशमी (दशहरा), शमी एवं अपराजिता पूजा, नीलकण्ठ-दर्शन शुभ, आयुध (शस्त्र) पूजन, सीमोल्लंघन, खत्री दिवस, बौद्धावतार दशमी, सांईबाबा समाधि दिवस, श्रीमहाकाल-सवारी (उज्जयिनी), माधवाचार्य जयंती, तुला-संक्रान्ति सायं 5.27 बजे, पुण्यकाल दिन 11.03 से सायं 5.27 तक।
18 अक्टूबर: पापांकुशा एकादशी व्रत, भरत-मिलाप।
19 अक्टूबर: पद्मनाभ द्वादशी, श्यामबाबा द्वादशी।
20 अक्टूबर: प्रदोष व्रत।
21 अक्टूबर: वाराह चतुर्दशी, शाकंभरीदेवी मेला (देवबन), आजाद हिन्द फौज स्थापना दिवस, कर्म निर्जर व्रत (जैन)।
22 अक्टूबर: शरद पूर्णिमा व्रतोत्सव, कोजागरी-लक्ष्मी पूजा, महारास पूर्णिमा (ब्रज), श्रीसत्यनारायण पूजा-कथा, श्रीबांकेबिहारी द्वारा मोर-मुकुट और कटि-काछनी तथा वंशी धारण करना (वृंदावन), लक्ष्मी एवं इन्द्र पूजन, महर्षि वाल्मीकि जयंती, पीर मत्स्येन्द्रनाथ उत्सव (उज्जयिनी), अग्र महाकुम्भ (अग्रोहा), पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन)।
23 अक्टूबर: स्नान-दान की 'अश्विनी' नक्षत्रयुता आश्विनी पूर्णिमा, कार्तिक स्नान-नियम तथा आकाश दीप-दान प्रारंभ, सूर्य सायन वृश्चिक में सायं 6.05 बजे, सौर हेमन्त ऋतु प्रारंभ।
24 अक्टूबर: पवित्र कार्तिक (दामोदर) मास प्रारंभ, तुलसीदल से श्रीहरि का पूजन, अशून्य शयन व्रत।
26 अक्टूबर: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, करवाचौथ व्रतोत्सव, अंगारकी चतुर्थी, कृष्णपिंगाक्ष चतुर्थी, गणेशशंकर विद्यार्थी जयंती, रोहिणी व्रत (दिग.जैन)।
27 अक्टूबर: दशरथ चतुर्थी।
30 अक्टूबर: कालाष्टमी व्रत, अहोई अष्टमी, अ‌र्द्धरात्रि में श्रीराधाकुण्ड-स्नान (मथुरा), बहुला अष्टमी, दाम्पत्याष्टमी, कराष्टमी (महाराष्ट्र), वैधृति महापात देर रात 1.28 से।
31 अक्टूबर: सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती, वैधृति महापात प्रात: 6.25 तक।

2 नवंबर 2010

2 नवंबर: रमा (रम्भा) एकादशी व्रत
3 नवंबर: गोवत्स द्वादशी (गौ-बछडा), गोत्रिरात्र प्रारंभ, धनत्रयोदशी (धनतेरस), धंवंतरि जयंती, कामेश्वरी जयंती, यमपंचक शुरू, प्रदोष व्रत
4 नवंबर: मासिक शिवरात्रि व्रत, नरकहरा चतुर्दशी, काली चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी, श्रीहनुमान जयंती (अयोध्या), धूमावती जयंती।
5 नवंबर: दीपावली महोत्सव, श्रीगणेश-लक्ष्मी-कुबेर का पूजन, कमला महाविद्या जयंती, काली (श्यामा) पूजा, सुखरात्रि-जागरण, पितृश्राद्ध की अमावस, महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव (जैन), गौर-केदार व्रत, स्वामी रामतीर्थ जन्म एवं पुण्यतिथि, दयानंद स्मृति दिवस।
6 नवंबर: स्नान-दान की अमावस्या, अन्नकूट महोत्सव, गोव‌र्द्धन-पूजन, बलि-पूजन, सायं गो-क्रीडा, गो-संवर्धन सप्ताह प्रारंभ।
7 नवंबर: नवीन चन्द्र-दर्शन, भ्रातृ द्वितीया (यम द्वितीया), भैय्यादूज, चित्रगुप्त एवं विश्वकर्मा-पूजन, महावीर निर्वाण सम्वत् 2537 प्रारंभ (जैन), नेपाली सम्वत् 1131 प्रारंभ, यमपंचक समाप्त, आचार्य श्रीतुलसी जन्मदिवस
8 नवंबर: भैय्यादूज (मिथिलांचल), चित्रगुप्त-दवात पूजा, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), बग्वाली (उत्तरांचल), हज सफर शुरू।
9 नवंबर: अंगारकी वरदविनायक चतुर्थी व्रत, दूर्वा गणपति व्रत
10 नवंबर: सूर्यषष्ठी व्रत प्रारंभ, छठ पूजा शुरू- नहाय खाय (बिहार, झारखण्ड), सौभाग्य-लाभ पंचमी, पाण्डव पंचमी।
11 नवंबर: छठ पूजा का द्वितीय दिवस-खरना, स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, व्यतिपात महापात देर रात 2.47 से, दृश्यगणितानुसार सूर्य (प्रतिहार) षष्ठी व्रत।
12 नवंबर: सूर्यषष्ठी व्रत, छठ पूजा, डाला छठ (काशी), सूर्यास्त के समय सूर्य को प्रथम अ‌र्घ्य-दान, व्यतिपात महापात प्रात: 9.11 तक।
13 नवंबर: प्रात: सूर्य को द्वितीय अ‌र्घ्य-दान, छठ व्रत का पारण, जगद्धात्री पूजा 3 दिन (बंगाल), सामा-पूजा शुरू (मिथिलांचल), संत जलाराम बप्पा जयंती, चौमासी अट्ठाई प्रारंभ (जैन)।
14 नवंबर: गोपाष्टमी, गोपाल अष्टमी (जम्मू-कश्मीर), श्रीदुर्गाष्टमी व्रत, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, नेहरू जयंती, बाल दिवस।
15 नवंबर: अक्षयनवमी व्रत, आंवला नवमी, जुगलजोडी़ परिक्रमा (मथुरा-वृंदावन), सत्ययुगादि तिथि, कूष्माण्ड नवमी, जगद्धात्री पूजा पूर्ण (बंगाल), अनला नवमी (उडीसा), श्रीहंस भगवान एवं सनकादि जयंती, सर्वेश्वर प्रभु का प्राकट्योत्सव (निम्बार्क), वेद-संस्थापना महोत्सव, अयोध्या-परिक्रमा, विष्णुत्रिरात्र प्रारंभ, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जयिनी), बिरसा मुण्डा जयंती।
16 नवंबर: आशा दशमी, कंस-वध लीला (मथुरा), वृश्चिक-संक्रान्ति सायं 5.18 बजे, पुण्यकाल प्रात: 10.54 से सूर्यास्त तक।
17 नवंबर: श्रीहरि-प्रबोधिनी एकादशी व्रत, देवोत्थान उत्सव, ईखरस-प्राशन, विष्णुत्रिरात्र पूर्ण, तुलसी-विवाहोत्सव प्रारंभ, भीष्मपंचक प्रारंभ, संत नामदेव जयंती, सोनपुर मेला शुरू (बिहार), लाला लाजपतराय बलिदान दिवस, कालीदास जयंती।
18 नवंबर: दामोदर द्वादशी, श्यामबाबा द्वादशी, गरुड द्वादशी (उडीसा), मेला खाटूयाम (राज.), तुलसी विवाह, मत्स्य द्वादशी
19 नवंबर: प्रदोष व्रत, श्रीराधावल्लभ-पाटोत्सव (वृन्दावन), वैकुण्ठ चतुर्दशी व्रत, निशीथकाल में महाविष्णु-पूजा, रात्रि के अंतिम प्रहर में अरुणोदय के समय मणिकर्णिका स्नान (काशी), हरि-हर मिलन (उज्जयिनी), रानी लक्ष्मीबाई जयंती एवं इंदिरा गांधी जन्मदिवस, स्वामी अखण्डानंद स्मृति दिवस।
20 नवंबर: वैकुण्ठ चतुर्दशी, श्रीकाशीविश्वनाथ-प्रतिष्ठा दिवस (वाराणसी), सिद्धवट यात्रा (उज्जयिनी), नर्मदेश्वर को तुलसी-समर्पण।
21 नवंबर: स्नान-दान-व्रत की कार्तिक पूर्णिमा, देव-दीपावली (वाराणसी), निम्बार्क जयंती 5106 वीं, श्रीसत्यनारायण पूजा-कथा, श्रीगुरु नानक जयंती, सामा-विसर्जन (मिथिलांचल)।
22 नवंबर: कात्यायनी पूजा प्रारंभ, सूर्य सायन धनु में दिन 3.45 बजे।
23 नवंबर: सत्यसाईबाबा जन्मदिवस, अशून्य शयन व्रत, रोहिणी व्रत
24 नवंबर: सौभाग्यसुंदरी व्रत, गुरु तेगबहादुर शहीदी (नानकशाही)।
25 नवंबर: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, गजानन चतुर्थी व्रत, वैधृति महापात दिन 11.21 से सायं 7.21 तक।
26 नवंबर: वीड पंचमी-श्रीमनसादेवी शयन एवं श्रीविषहरा पूजा (मिथिलांचल), अन्नपूर्णा माता का 16 दिवसीय व्रत प्रारंभ (काशी)।
28 नवंबर: श्रीकालभैरवाष्टमी व्रत, श्रीकालभैरव दर्शन-पूजन (काशी, उज्जयिनी), भैरवनाथ जयंती, भानु-सप्तमी पर्व दिन 3.07 तक (सूर्यग्रहणतुल्य)।
29 नवंबर: प्रथमाष्टमी (उडीसा), आताल-पाताल सवारी (उज्जयिनी), श्रीमहाकाल-सवारी (उज्जयिनी)
30 नवंबर: अनलानवमी (उडीसा)

1 दिसंबर 2010

1 दिसंबर: उत्पन्ना एकादशी व्रत (स्मार्तो का), वैतरणी एकादशी, महावीर स्वामी दीक्षा कल्याणक (जैन)।
2 दिसंबर: उत्पन्ना एकादशी व्रत (वैष्णवों का)।
3 दिसंबर: प्रदोष व्रत, संत ज्ञानेश्वर समाधि उत्सव, श्रीराजेन्द्र प्रसाद जयंती।
4 दिसंबर: मासिक शिवरात्रि व्रत, तिरुपति बालाजी उत्सव, मेला पुरमण्डल-देविका स्नान (जम्मू-कश्मीर), नौसेना दिवस, पाक्षिक प्रतिक्रमण।
5 दिसंबर: स्नान-दान-श्राद्ध की अमावस्या, बकुला अमावस, गौरीतपो व्रत।
6 दिसंबर: मार्तण्ड (मल्लारि) भैरव षड्रात्र प्रारंभ (महाराष्ट्र, मालवा), रुद्र व्रत (पीडिया), धन्य व्रत, डॉ. अम्बेडकर स्मृति दिवस।
7 दिसंबर: नवीन चन्द्र-दर्शन, सशस्त्र सेना- झण्डा दिवस, व्यतिपात महापात दिन 1.40 से रात्रि 2.04 तक।
8 दिसंबर: इस्लामी हिजरी सन् 1432 शुरू (मुस.)।
9 दिसंबर: वरदविनायक चतुर्थी व्रत।
10 दिसंबर: विवाह पंचमी, श्रीसीता-राम विवाहोत्सव (मिथिलांचल, अयोध्या), विहार पंचमी- श्रीबांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव (वृंदावन)।
11 दिसंबर: चम्पा षष्ठी, मा‌र्त्तण्ड भैरव उत्थापन (मालवा, महाराष्ट्र), मूलकरूपिणी षष्ठी (बंगाल), सुब्रह्मण्यम षष्ठी (दक्षिण भारत), स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, श्रीअन्नपूर्णा माता का धान से श्रृंगार (काशी), खण्डेराव-सवारी, ओशो जन्मोत्सव।
12 दिसंबर: भानु-सप्तमी पर्व (सूर्यग्रहणतुल्य), मित्र सप्तमी (बंगाल), सूर्य-पूजन, विष्णु-नन्दा-भद्रा सप्तमी, कात्यायनी महापूजा प्रारंभ, नरसिंह मेहता जयंती, संत तारण तरण जयंती।
13 दिसंबर: श्रीदुर्गाष्टमी व्रत, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, कुमारिका-पूजन।
14 दिसंबर: मेंहदी रात (मुस.), ऊर्जा बचत दिवस।
15 दिसंबर: नन्दिनी नवमी, सरदार पटेल स्मृति दिवस, कात्यायनी महापूजा पूर्ण
16 दिसंबर: दशादित्य व्रत, कत्ल रात (मुस.), धनु-संक्रान्ति प्रात: 7.59 बजे, पुण्यकाल दिन 2.23 तक, धनु (खर) मास प्रारंभ।
17 दिसंबर: मोक्षदा एकादशी व्रत, बैकुण्ठ एकादशी (दक्षिण भारत), श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, मौनी ग्यारस (जैन), मोहर्रम-ताजिया (मुस.)।
18 दिसंबर: अखण्ड द्वादशी, केशव द्वादशी, व्यंजन द्वादशी (गौडीय वैष्णव), श्यामबाबा द्वादशी, धरणी व्रत, शनि-प्रदोष व्रत (पुत्र-प्राप्ति हेतु)
20 दिसंबर: पिशाच मोचन श्राद्ध चतुर्दशी, कपर्दीश्वर-दर्शन (काशी), पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती, श्रीसत्यनारायण पूजा-कथा, रोहिणी व्रत (दिग.जैन), पाक्षिक प्रतिक्रमण।
21 दिसंबर: स्नान-दान की 'मृगशिरा' नक्षत्रयुता अग्रहायणी पूर्णिमा, बत्तीसी पूनम, त्रिपुरभैरवी महाविद्या जयंती, अन्नपूर्णा जयंती, छप्पन भोग (बलदाऊ-मथुरा), कात्यायनी पूजा पूर्ण, सूर्य सायन मकर में शेष रात्रि 5.08 बजे, अयन-पुण्यकाल आगामी दिन, वैधृति महापात प्रात: 8.20 से देर रात 2.05 तक।
22 दिसंबर: मुंजहर तहर-मातृका पूजा (जम्मू-कश्मीर), सायन मतानुसार सूर्य उत्तरायन, अयन-पुण्यकाल दिन भर, करि दिन, सौर शिशिर ऋतु प्रारंभ।
23 दिसंबर: किसान दिवस, गौना उत्सव (अयोध्या)।
24 दिसंबर: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, सौभाग्य सुंदरी व्रत।
25 दिसंबर: महामना मालवीय जन्मदिवस (तारीखानुसार), आचार्य तुलसी दीक्षा दिवस (जैन)।
26 दिसंबर: जोड मेला 3 दिन (फतेहगढ साहिब- पंजाब)।
27 दिसंबर: शारदा माता जयंती, मिर्जा गालिब जन्मदिवस।
28 दिसंबर: कालाष्टमी व्रत, अष्टका श्राद्ध, रुक्मिणी अष्टमी व्रत, श्रीहनुमानाष्टमी (उज्जयिनी), महामना मदनमोहन मालवीय जयंती।
29 दिसंबर: अन्वष्टका श्राद्ध।
30 दिसंबर: पौषी दशमी-श्रीपा‌र्श्वनाथ जयंती (जैन)।
31 दिसंबर: सफला एकादशी व्रत, सुरूपा द्वादशी, व्यतिपात महापात रात्रि 10.42 से,

गुरुवार, 8 जुलाई 2010

शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं।

शिवाष्टकम">शिवाष्टकम
शिव के प्रशंसा में अनेकों अष्टकों की रचना हुई है जो शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं। शिवाष्टकों की संख्या भी कम नहीं है। प्रस्तुत शिवाष्टक आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रचित है। आठ पदों में विभक्त यह रचना परंब्रह्म शिव की पुजा एक उत्तम साधन है


तस्मै नम: परमकारणकारणाय , दिप्तोज्ज्वलज्ज्वलित पिङ्गललोचनाय ।
नागेन्द्रहारकृतकुण्डलभूषणाय , ब्रह्मेन्द्रविष्णुवरदाय नम: शिवाय ॥ 1 ॥

जो (शिव) कारणों के भी परम कारण हैं, ( अग्निशिखा के समान) अति दिप्यमान उज्ज्वल एवं पिङ्गल नेत्रोंवाले हैं, सर्पों के हार-कुण्डल आदि से भूषित हैं तथा ब्रह्मा, विष्णु, इन्द्रादि को भी वर देने वालें हैं – उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

श्रीमत्प्रसन्नशशिपन्नगभूषणाय , शैलेन्द्रजावदनचुम्बितलोचनाय ।
कैलासमन्दरमहेन्द्रनिकेतनाय , लोकत्रयार्तिहरणाय नम: शिवाय ॥ 2 ॥

जो निर्मल चन्द्र कला तथा सर्पों द्वारा ही भुषित एवं शोभायमान हैं, गिरिराजग्गुमारी अपने मुख से जिनके लोचनों का चुम्बन करती हैं, कैलास एवं महेन्द्रगिरि जिनके निवासस्थान हैं तथा जो त्रिलोकी के दु:ख को दूर करनेवाले हैं, उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

पद्मावदातमणिकुण्डलगोवृषाय , कृष्णागरुप्रचुरचन्दनचर्चिताय ।
भस्मानुषक्तविकचोत्पलमल्लिकाय , नीलाब्जकण्ठसदृशाय नम: शिवाय ॥ 3 ॥

जो स्वच्छ पद्मरागमणि के कुण्डलों से किरणों की वर्षा करने वाले हैं, अगरू तथा चन्दन से चर्चित तथा भस्म, प्रफुल्लित कमल और जूही से सुशोभित हैं ऐसे नीलकमलसदृश कण्ठवाले शिव को नमस्कार है ।

लम्बत्स पिङ्गल जटा मुकुटोत्कटाय , दंष्ट्राकरालविकटोत्कटभैरवाय ।
व्याघ्राजिनाम्बरधराय मनोहराय , त्रिलोकनाथनमिताय नम: शिवाय ॥ 4 ॥

जो लटकती हुई पिङ्गवर्ण जटाओंके सहित मुकुट धारण करने से जो उत्कट जान पड़ते हैं तीक्ष्ण दाढ़ों के कारण जो अति विकट और भयानक प्रतीत होते हैं, साथ ही व्याघ्रचर्म धारण किए हुए हैं तथा अति मनोहर हैं, तथा तीनों लोकों के अधिश्वर भी जिनके चरणों में झुकते हैं, उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

दक्षप्रजापतिमहाखनाशनाय , क्षिप्रं महात्रिपुरदानवघातनाय ।
ब्रह्मोर्जितोर्ध्वगक्रोटिनिकृंतनाय , योगाय योगनमिताय नम: शिवाय ॥ 5 ॥

जो दक्षप्रजापति के महायज्ञ को ध्वंस करने वाले हैं, जिन्होने परंविकट त्रिपुरासुर का तत्कल अन्त कर दिया था तथा जिन्होंने दर्पयुक्त ब्रह्मा के ऊर्ध्वमुख (पञ्च्म शिर) को काट दिया था, उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

संसारसृष्टिघटनापरिवर्तनाय , रक्ष: पिशाचगणसिद्धसमाकुलाय ।
सिद्धोरगग्रहगणेन्द्रनिषेविताय , शार्दूलचर्मवसनाय नम: शिवाय ॥ 6 ॥

जो संसार मे घटित होने वाले सम्सत घटनाओं में परिवर्तन करने में सक्षम हैं, जो राक्षस, पिशाच से ले कर सिद्धगणों द्वरा घिरे रहते हैं (जिनके बुरे एवं अच्छे सभि अनुयायी हैं); सिद्ध, सर्प, ग्रह-गण एवं इन्द्रादिसे सेवित हैं तथा जो बाघम्बर धारण किये हुए हैं, उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

भस्माङ्गरागकृतरूपमनोहराय , सौम्यावदातवनमाश्रितमाश्रिताय ।
गौरीकटाक्षनयनार्धनिरीक्षणाय , गोक्षीरधारधवलाय नम: शिवाय ॥ 7 ॥

जिन्होंने भस्म लेप द्वरा सृंगार किया हुआ है, जो अति शांत एवं सुन्दर वन का आश्रय करने वालों (ऋषि, भक्तगण) के आश्रित (वश में) हैं, जिनका श्री पार्वतीजी कटाक्ष नेत्रों द्वरा निरिक्षण करती हैं, तथा जिनका गोदुग्ध की धारा के समान श्वेत वर्ण है, उन शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

आदित्य सोम वरुणानिलसेविताय , यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय ।
ऋक्सामवेदमुनिभि: स्तुतिसंयुताय , गोपाय गोपनमिताय नम: शिवाय ॥ 8 ॥

जो सूर्य, चन्द्र, वरूण और पवन द्वार सेवित हैं, यज्ञ एवं अग्निहोत्र धूममें जिनका निवास है, ऋक-सामादि, वेद तथा मुनिजन जिनकी स्तुति करते हैं, उन नन्दीश्वरपूजित गौओं का पालन करने वाले शिव जी को नमस्कार करता हूँ।

बुधवार, 9 जून 2010

क्या आपकी कुन्डली में कालसर्प योग है

राहु-केतु ग्रहों को छाया ग्रह कहा जाता है, क्योंकि आकाश में ये दोनों ग्रह विन्दुओं के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं।राहु-केतु दोनों ही आधयात्मिक ग्रह हैं। राहु-केतु ग्रहों का हमारे कर्म फल से बहुत गहरा संबंधा है। ये ग्रह जीवन के सूक्ष्म विन्दुओं के ज्यादा निकट हैं।इन ग्रहों द्वारा जीवन में जो भी अनिष्टकारी घटनायें होती है। वे जातक को आधयात्मिक की ओर अग्रसर करती है। राहु और केतु के मध्य मे जब समस्त ग्रह आजाते है तब काल सर्प योग का निर्माण होता है। लग्न के अनुसार 12 भाव अर्थात् 12 ग 12 = 144, अर्थात् उदित गोलार्द्ध के भेद के अनुसार 144 और अनुदित गोलार्द्ध के भेद के अनुसार 144 ग 2 = 288 प्रकार के काल सर्प योग होते हैं। जब कालसर्प योग राहु से लेकर केतु तक बनता है तब वह उदित गोलार्द्ध कहलाता है और जब केतु से लेकर राहु तक बनता है तब अनुदित गोलार्द्ध कहलाता है। शारीरिक और मानसिक दुर्बलता के कारण निराशा की भावना जाग्रत होती है। कुटुंबियों द्वारा इनका व्यर्थ विरोध होता है। जातक सदैव धन के लिए तरसते रहते हैं। इन्हें पराक्रम और युक्तियुक्त प्रयास करने पर भी सफलता नहीं मिलती। विद्यार्जन में बाधाएं उपस्थित होती हैं। इनके कंधों पर ऋण का भारी बोझ बना रहता है। मित्र विश्वासघात करते हैं। स्वास्थ्य संबंधी विकार उत्पन्न होते रहते हैं। केस मुकदमों के मकड़ जाल में जकड़ जाते हैं और कभी-कभी तो इन्हें बंदीगृह भी जाना पड़ता है। इनका विवाह विलंब से होता है। संतान सुख प्राप्त नहीं होता और यदि प्राप्त हो भी जाए तो दाम्पत्य जीवन में कटुता उत्पन्न हो जाती है और कभी-कभी तो संबंध विच्छेद तक हो जाता है। ये सभी स्थितियां सब पर लागू नहीं होती, पर राहु-केतु की स्थिति को देखते हुए उपर्युक्त तथ्यों में से एक या दो तथ्य अवश्य सत्य होते हैं। कालसर्प दोष की शांति के पश्चात उपलब्धियां तो प्राप्त होती हैं, क्या आपकी कुन्डली में कालसर्प योग है तो परेशान न हो हमे सम्पर्क करे।

बुधवार, 24 मार्च 2010

सदा-शिव-कवचं

।श्रीदेवी उवाच।।
भगवन् देव-देवेश ! सर्वाम्नाय-प्रपूजित !
सर्वं मे कथितं देव ! कवचं न प्रकाशितम्।।१
प्रासादाख्यस्य मन्त्रस्य, कवचं मे प्रकाशय।
सर्व-रक्षा-करं देव ! यदि स्नेहोऽस्ति मां प्रति।।२
।।श्री भगवानुवाच।।
विनियोगः- ॐ अस्य प्रासाद-मन्त्र-कवचस्य श्री वाम-देव ऋषिः। पंक्तिश्छन्दः। सदा-शिवः देवता। सकलाभीष्ट-सिद्धये जपे विनियोगः।
ऋष्यादि-न्यासः- श्री वाम-देव ऋषये नमः शिरसि। पंक्तिश्छन्दसे नमः मुखे। सदा-शिवः देवताय नमः ह्रदि। सकलाभीष्ट-सिद्धये जपे विनियोगाय नमः सर्वाङगे।
।।मूल-पाठ।।
शिरो मे सर्वदा पातु, प्रासादाख्यः सदा-शिव।
षडक्षर-स्वरुपो मे, वदनं तु महेश्वरः।।१
पञ्चाक्षरात्मा भगवान्, भुजौ मे परि-रक्षतु।
मृत्युञ्जयस्त्रि-बीजात्मा, आस्यं रक्षतु मे सदा।।२
वट-मूलं सनासीनो, दक्षिणामूर्तिरव्ययः।
सदा मां सर्वतः पातु, षट्-त्रिंशार्ण-स्वरुप-धृक्।।३
द्वा-विंशार्णात्मको रुद्रो, दक्षिणः परि-रक्षतु।
त्रि-वर्णात्मा नील-कण्ठः, कण्ठं रक्षतु सर्वदा।।४
चिन्ता-मणिर्बीज-रुपो, ह्यर्द्ध-नारीश्वरो हरः।
सदा रक्षतु मे गुह्यं, सर्व-सम्पत्-प्रदायकः।।५
एकाक्षर-स्वरुपात्मा, कूट-व्यापी महेश्वरः।
मार्तण्ड-भैरवो नित्यं, पादौ मे परि-रक्षतु।।६
तुम्बुराख्यो महा-बीज-स्वरुपस्त्रिपुरान्तकः।
सदा मां रण-भुमौ च, रक्षतु त्रि-दशाधिपः।।७
ऊर्ध्वमूर्द्धानमीशानो, मम रक्षतु सर्वदा।
दक्षिणास्यं तत्-पुरुषः, पायान्मे गिरि-नायकः।।८
अघोराख्यो महा-देवः, पूर्वास्यं परि-रक्षतु।
वाम-देवः पश्चिमास्यं, सदा मे परि-रक्षतु।।९
उत्तरास्यं सदा पातु, सद्योजात-स्वरुप-धृक्।
इत्थं रक्षा-करं देवि ! कवचं देव-दुर्लभम्।।१०
।।फल-श्रुति।।
प्रातःकाले पठेद् यस्तु, सोऽभीष्टं फलमाप्नुयात्।
पूजा-काले पठेद् यस्तु, कवचं साधकोत्तमः।।११
कीर्ति-श्री-कान्ति-मेधायुः सहितो भवति ध्रुवम्।
तव स्नेहान्महा-देवि ! कथितं कवचं शुभम।।१२
।।इति भैरव-तन्त्रे सदा-शिव-कवचं सम्पूर्णं।।

रविवार, 14 मार्च 2010

ज्वाला मुखी योग 20 मार्च 2010 को

ज्वाला मुखी योग 20 मार्च 2010 को
20 मार्च 2010 दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से पंचमी तिथि व भरणी नक्षत्र का सयोंग बन रहा है और इस संयोग से ज्वालामुखी योग का निर्माण होता है
मित्रों, ग्रहो, नक्षत्रों के खेल निराले हैं इनका विचार अवश्य करना चाहिए और जो व्यक्ति शुभ अशुभ का विचार करता है उसका समय साथ देता है जिसका उल्लेख हम यहां कर रहे हैं। जहां एक और 16 मार्च 2010 से नवरात्रि व्रत प्रारम्भ हो रहे हैं अनेक व्यक्ति अपने रूके हुए शुभ कार्यो को इस समय में करते हैं परन्तु 20 मार्च 2010 दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से पंचमी तिथि व भरणी नक्षत्र का सयोंग बन रहा है और इस संयोग से ज्वालामुखी योग का निर्माण होता है इस योग में किया गया प्रत्येक कार्य दुख दायक होता है, कहा गया है जो जन्में सो जीवे नहीं, बसे जो उजड जाय नारी पहने चूडला वह निशिचत विधवा हो जाये, गांव गया आवें नहीं कुंआ नीर न होय।

इस कारण हमारी सलाह है कि किसी भी प्रकार का शुभ कार्य 20 21 मार्च 2010 को न करें यदि सम्भव हो तो सम्भोग भी न करें क्योंकि इस योग में यदि संतान उत्पत्ति का बीजारोपण किया जाता है तो भविष्य में उसके परिणाम समाज व परिवार के लिये लाभदायक नहीं रहते हैं।

अशुभ ज्वालामुखी योग

23 अप्रैल को प्रात: 8.35 से दोपहर 1.51 तक

अशुभ ज्वालामुखी योग

26 जून को सायं 5.01 से रात्रि 9.57 तक

अशुभ ज्वालामुखी योग

1 सितम्बर को प्रात: 10.50 से दोपहर 1.18 तक

2 सितम्बर को प्रात: 10.42 से दोपहर 1.46 तक

अशुभ ज्वालामुखी योग

6 दिसम्बर को सायं 5.54 से रात्रि 10.19 तक

बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

गुरु महिलाओं का सौभाग्यवर्द्धक तथा संतानकारक ग्रह है।

गुरु महिलाओं का सौभाग्यवर्द्धक तथा संतानकारक ग्रह है। जन्म कुंडली में गुरु 1,2,4,5,11,12 में शुभ फल तथा 3,6,7,8,10 में अशुभ फल देता है। स्त्रियों की कुंडली में गुरु 7वें तथा 8वें भाव को अधिक प्रभावित करता है। मकर-कुंभ का अकेला गुरु पति-पत्नी के सुख में कमी लाता है। जलतत्वीय या कन्या राशि का सप्तम का गुरु होने पर पति-पत्नी के संबंध मधुर नहीं रहते।
सप्तम में शुभ गुरु व मीन-धनु का होने पर विवाह विच्छेद की स्थिति बनाता है। गुरु शनि से प्रभावित होने पर विवाह में विलंब कराता है। राहु के साथ होने पर प्रेम विवाह की संभावना बनती है। महिला कुंडली में आठवें भाव में बलवान गुरु विवाहोपरांत भाग्योदय के साथ सुखी वैवाहिक जीवन के योग बनाता है। आठवें भाव में वृश्चिक या कुंभ का गुरु ससुराल पक्ष से मतभेद पैदा कराता है।
1. गुरु यदि वृषभ-मिथुन राशि और कन्या लग्न में निर्बल-नीच-अस्त का हो तो वैवाहिक जीवन का नाश कराता है।
2. 1/5/9/11 का गुरु बली होने पर जल्दी विवाह के योग बनाता है, परंतु वक्री, नीच, अस्त, अशुभ, कमजोर होने पर विलंब।
3. मकर-कुंभ लग्न में सप्तम का गुरु भी प्रेम सम्बन्धों व वैवाहिक जीवन को समाप्त कराता है।
4. गुरु मिथुन-कन्या का गुरु लग्न या सप्तम में हो तो शुभ होता है।
5. अत्यंत प्रबल गुरु चंद्र-मंगल से उत्तम तालमेल होने पर पे्रम व वैवाहिक जीवन सफल होता है।
6. मेष लग्न में विवाह में विलंब सप्तम का गुरु कराता है।
7. कर्क-सिंह लग्न में 7/8 भाव का गुरु शुभ होने से प्रेम व वैवाहिक जीवन शुभ रहता है।
8. वृश्चिक-धनु-मीन लग्न का गुरु वैवाहिक जीवन सुखी बनाता है तथा सहायक होता है। मीन राशि का गुरु सप्तम में होने पर वैवाहिक जीवन कष्टप्रद रहता है।

शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

2010 मार्च में शनिप्रदोष,अमावस्या

2010 मार्च में गणेश संकष्ट चतुर्थी,छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती,रंगपंचमी,श्री एकनाथ षष्ठी,भानुसप्तमी- कालाष्टमी,विश्व महिला दिवस,सावित्रीबाई फुले स्मृतिदिवस वीरांगना अवंतिबाई का बलिदान दिवस,मधुकृष्ण त्रयोदशी- शनिप्रदोष,अमावस्या प्रारम्भ 14 मार्च 2010 रात्रि 12.31,15 मार्च 2010 सोमवती अमावस्या समाप्ति रात्रि 02.30,चैती नवरात्र प्रारंम्भ,गौरी तृतीया- मत्स्य जयंती पंचक समाप्ति 10.33,विनायक चतुर्थी,लक्ष्मी पंचमी,दुर्गाष्टमी,श्री रामनवमी,कामदा एकादशी,27 मार्च 2010 शनिप्रदोष,महावीर जयंती,29 मार्च 2010 हनुमान जयंती उपवास पूर्णिमा प्रारम्भ-11.40
चैत मास प्रारम्भ-2010
1 मार्च 2010
चैत मास प्रारम्भ
चैत कृ-1--सूर्य उदय 7.00 -- सूर्य अस्त 18.44
चन्द्रमा सिंह राशि में
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2 मार्च 2010
चैत कृ-2--सूर्य उदय 6.59 -- सूर्य अस्त 18.44
चन्द्रमा कन्या राशि में 21.30 तक
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3 मार्च 2010
चैत कृ-3
गणेश संकष्ट चतुर्थी
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
सूर्य उदय 06.58-- सूर्य अस्त 18.44
चन्द्रमा कन्या राशि में21.30 तक
---------------------
4 मार्च 2010
चैत कृ-4-- सूर्य उदय 06.57 -- सूर्य अस्त 18.45
चन्द्रमा तुला राशि में
---------------------
5 मार्च 2010
चैत कृ-5-- रंगपंचमी
सूर्य उदय 06.57 -- सूर्य अस्त 18.45
चन्द्रमा तुला राशि में 26.04
---------------------------
6 मार्च 2010
चैत कृ-6
श्री एकनाथ षष्ठी
सूर्य उदय 06.56 -- सूर्य अस्त 18.45
चन्द्रमा वृश्चिक राशि में
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7 मार्च 2010
चैत कृ-7
भानुसप्तमी- कालाष्टमी
सूर्य उदय 06.55 -- सूर्य अस्त 18.46
चन्द्रमा वृश्चिक राशि में
---------------------
8 मार्च 2010
चैत कृ-8
विश्व महिला दिवस
सूर्य उदय 06.54 -- सूर्य अस्त 18.46
चन्द्रमा वृश्चिक राशि में 10.53
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9 मार्च 2010
चैत कृ-9
सूर्य उदय 06.53 -- सूर्य अस्त 18.46
चन्द्रमा धनु राशि में
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10 मार्च 2010
चैत कृ-10
सावित्रीबाई फुले स्मृतिदिवस वीरांगना अवंतिबाई का बलिदान दिवस
सूर्य उदय 06.53 -- सूर्य अस्त 18.47
चन्द्रमा धनु राशि में 22.58 तक
---------------------
11 मार्च 2010
चैत कृ-11
पापमोचनी एकादशी
सूर्य उदय 06.52 -- सूर्य अस्त 18.47
चन्द्रमा मकर राशि में
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12 मार्च 2010
चैत कृ-12
सूर्य उदय 06.51 -- सूर्य अस्त 18.47
चन्द्रमा मकर राशि में
---------------------
13 मार्च 2010
चैत कृ-13
मधुकृष्ण त्रयोदशी- शनिप्रदोष
पंचक प्रारंभ-12.04
सूर्य उदय 06.50 -- सूर्य अस्त 18.47
चन्द्रमा मकर राशि में 12.04
---------------------
14 मार्च 2010
चैत कृ-14
अमावस्या प्रारम्भ रात्रि 12.31
सूर्य उदय 06.46 -- सूर्य अस्त 18.48
चन्द्रमा कुंभ राशि में
---------------------
15 मार्च 2010
चैत सोमवती अमावस्या समाप्ति रात्रि 02.30
सूर्य उदय 06.49 -- सूर्य अस्त 18.48
चन्द्रमा कुंभ राशि में 24.12
---------------------
16 मार्च 2010
चैत शु.-1 -- चैती नवरात्र प्रारंम्भ
सूर्य उदय 06.48 -- सूर्य अस्त 18.48
चन्द्रमा मीन राशि में
---------------------
17 मार्च 2010
चैत शु.-2
सूर्य उदय 06.47 -- सूर्य अस्त 18.48
चन्द्रमा मीन राशि में
---------------------
18 मार्च 2010
चैत शु.-3
गौरी तृतीया- मत्स्य जयंती पंचक समाप्ति 10.33
गणगौर पूजा
सूर्य उदय 06.46 -- सूर्य अस्त 18.49
चन्द्रमा मीन राशि में 10.33
--------------------
19 मार्च 2010
चैत शु.-4
विनायक चतुर्थी
सूर्य उदय 06.45 -- सूर्य अस्त 18.49
चन्द्रमा मेष राशि में
---------------------
20 मार्च 2010
चैत शु.-5
लक्ष्मी पंचमी
सूर्य उदय 06.44 -- सूर्य अस्त 18.49
चन्द्रमा मेष राशि में
---------------------
21 मार्च 2010
चैत शु.-6
सूर्य उदय 06.44 -- सूर्य अस्त 18.49
चन्द्रमा वृषभ राशि में
---------------------
22 मार्च 2010
चैत शु.-7
सूर्य उदय 06.43 -- सूर्य अस्त 18.50
चन्द्रमा वृषभ राशि में 25.11 तक
---------------------
23 मार्च 2010
चैत शु.-8
दुर्गाष्टमी
सूर्य उदय 06.42 -- सूर्य अस्त 18.50
चन्द्रमा मिथुन राशि में
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24 मार्च 2010
चैत शु.-9 चैत नवरात्र समाप्ति
श्री रामनवमी
सूर्य उदय 06.41 -- सूर्य अस्त 18.50
चन्द्रमा मिथुन राशि में 29.03 तक
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25 मार्च 2010
चैत शु.-10
सूर्य उदय 06.40 -- सूर्य अस्त 18.50
चन्द्रमा कर्क राशि में
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26 मार्च 2010
चैत शु.-11
कामदा एकादशी
सूर्य उदय 06.39 -- सूर्य अस्त 18.51
चन्द्रमा कर्क राशि में
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27 मार्च 2010
चैत शु.-12
शनिप्रदोष
सूर्य उदय 06.39 -- सूर्य अस्त 18.51
चन्द्रमा कर्क राशि में 06.43 तक
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28 मार्च 2010
चैत शु.-13 महावीर जयंती
सूर्य उदय 06.38 -- सूर्य अस्त 18.51
चन्द्रमा सिंह राशि में
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29 मार्च 2010
चैत शु.-14 हनुमान जयंती उपवास पूर्णिमा प्रारम्भ-11.40
सूर्य उदय 06.38 -- सूर्य अस्त 18.51
चन्द्रमा सिंह राशि में 07.10तक
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30 मार्च 2010
अधिक वैशाख कृ-1 चैत पूर्णिमा
हनुमान जयंती
पूर्णिमा-07.55 पर समाप्त
सूर्य उदय 06.38 -- सूर्य अस्त 18.51
चन्द्रमा कन्या राशि में
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31 मार्च 2010
अधिक वैशाख कृ-2
सूर्य उदय 06.35 -- सूर्य अस्त 18.52
चन्द्रमा कन्या राशि में 08.09

फरवरी-2010 के वर्त-पर्व होली-पूर्णिमा समाप्ति रात्रि 10.08

फरवरी-2010 के वर्त-पर्व
होली-पूर्णिमा समाप्ति रात्रि 10.08
1 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ-3
संत नरहरि सोनार पुण्यतिथि
सूर्य उदय 7.14
सूर्य अस्त 18.31
चन्द्रमा सिंह राशि में
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2 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 4
अंगारक गणेश संकष्ट चतुर्थी
सूर्य उदय- 7.14
सूर्य अस्त 18.32
चन्द्रमा सिंह राशि में 09.21 तक
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3 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 5
सूर्य उदय- 7.14
सूर्य अस्त 18.33
चन्द्रमा कन्या राशि में
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4 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 6
सूर्य उदय- 7.13
सूर्य अस्त 18.33
चन्द्रमा कन्या राशि में 11.52 तक
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5 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 7
कालाष्टमी
सूर्य उदय- 7.13
सूर्य अस्त 18.34
चन्द्रमा तुला राशि में
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6 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 8
जानकी जन्म
सूर्य उदय- 7.13
सूर्य अस्त 18.34
चन्द्रमा तुला राशि में 18.12 तक
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7 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 9
श्री रामदास नवमी
सूर्य उदय- 7.12
सूर्य अस्त 18.35
चन्द्रमा वृश्चिक राशि में
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8 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 10
स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती
सूर्य उदय- 7.12
सूर्य अस्त 18.35
चन्द्रमा वृश्चिक राशि में 28.16 तक
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9 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 11
विजया एकादशी
सूर्य उदय- 7.11
सूर्य अस्त 18.36
चन्द्रमा धनु राशि में
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10 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 12
सूर्य उदय- 7.11
सूर्य अस्त 18.36
चन्द्रमा धनु राशि में
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11 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 13
प्रदोष
सूर्य उदय- 7.10
सूर्य अस्त 18.37
चन्द्रमा धनु राशि में16.40 तक
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12 फरवरी-2010
फाल्गुन कृ- 14
महाशिवरात्रि निशीथकाल रात 12.29 से 01.19 तक
अमावस्या आरंभ
उ. रात्रि 05.40
सूर्य उदय- 7.10
सूर्य अस्त 18.37
चन्द्रमा मकर राशि में
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13 फरवरी-2010
फाल्गुन अमावास्या
लोहडी
पंचक प्रारंभ रात्रि 4.45 बजे से
सूर्य उदय- 7.9
सूर्य अस्त 18.38
चन्द्रमा मकर राशि में 29.43
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14 फरवरी-2010
फाल्गुन अमावास्या समाप्ति सुबह 8.20
मकर संक्राति
सूर्य उदय- 7.09
सूर्य अस्त 18.38
चन्द्रमा कुभ राशि में
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15 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 1
मोनी अमावास्या (सूर्य ग्रहण)
सूर्य उदय- 7.08
सूर्य अस्त 18.38
चन्द्रमा कुभं राशि में
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16 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 2
रामकृष्ण परमहंस जयंती
सूर्य उदय- 7.08
सूर्य अस्त 18.39
चन्द्रमा कुभं राशि में 18.05 तक
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17 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 3
सूर्य उदय- 7.07
सूर्य अस्त 18.39
चन्द्रमा मीन राशि में
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18 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 4
विनायक चतुर्थी
सूर्य उदय- 7.07
सूर्य अस्त 18.40
चन्द्रमा मीन राशि में 28.54 तक
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19 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 5
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
सूर्य उदय- 7.06
सूर्य अस्त 18.40
चन्द्रमा मेष राशि में
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20 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 6
सूर्य उदय- 7.06
सूर्य अस्त 18.41
चन्द्रमा मेष राशि में
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21 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 7
भानुसप्तमी
होलाष्टक प्रारम्भ
सूर्य उदय- 7.05
सूर्य अस्त 18.41
चन्द्रमा मेष राशि में 13.20 तक
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22 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 8
दुर्गाष्टमी
सूर्य उदय- 7.04
सूर्य अस्त 18.41
चन्द्रमा वृषभ राशि में
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23 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 9
सूर्य उदय- 7.04
सूर्य अस्त 18.42
चन्द्रमा वृषभ राशि में 18.42 तक
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24 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 10
सूर्य उदय- 7.03
सूर्य अस्त 18.42
चन्द्रमा मिथुन राशि में
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25 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 11
आमलकी एकादशी
सूर्य उदय- 7.02
सूर्य अस्त 18.42
चन्द्रमा मिथुन राशि में 20.55 तक
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26 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 12/13
प्रदोष - गोविंद द्वदशी
सूर्य उदय- 7.02
सूर्य अस्त 18.43
चन्द्रमा कर्क राशि में
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27 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.- 14
ईद-ए-मिलाद
पूर्णिमा प्रारंभ उ. रात्रि01.51
सूर्य उदय- 7.01
सूर्य अस्त 18.43
चन्द्रमा कर्क राशि में 20.55 तक
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28 फरवरी-2010
फाल्गुन शु.-
होली-पूर्णिमा समाप्ति रात्रि 10.08
सूर्य उदय- 7.00
सूर्य अस्त 18.43
चन्द्रमा सिंह राशि में